जलसंभर प्रबंंधन (Watershed Management) क्या है, इसे जानने से पहले आइए जानते हैं जलसंभर या वाटरशेड होता क्या है।
जलसंभर या वाटरशेड (Watershed)
जलसंभर या वाटरशेड ऐसे द्रोणी या बेसिन अथवा ड्रेनेज बेसिन का क्षेत्र है जिसका पानी इकट्ठा होकर किसी एक निकास के जरिए बहकर बाहर निकलता है या कहीं एकत्र होता। गहराई से सोचिए तो धरती का हर स्थान किसी न किसी जलसंभर का हिस्सा है। आखिर धरातल पर जहां कहीं भी वर्षा होती है, जमीन पर गिरा हुआ पानी किसी न किसी मार्ग से बहकर पहले छोटी धाराओं, फिर छोटी-बड़ी नदियों से होकर बहते हुए अंत में समुद्र में मिल जाता है।
इस प्रकार धरती पर स्थित कोई भी स्थान अपने आपमें एक जलसंभर है या उसका हिस्सा है। इसे अधिक स्पष्ट रूप से समझने के लिए एक कोई ऊंची ढाल या पहाड़ी जगह का उदाहरण लेते हैं। अकसर पहाड़ी या ऊंचे इलाके के आस-पास कोई छोटा-बड़ा जल स्रोत या झील मिलने की संभावना अधिक होती है।
जलसंभर प्रबंधन – watershed management in Hindi
पहाड़ी या ऊंची जगहों पर जब बारिश का पानी गिरता है तो पानी का कुछ हिस्सा रिस कर जमीन के अंदर चला जाता है लेकिन अधिकांश पानी ढाल से बहकर नीचे की ओर जाता है। आदर्श में रूप में, भौगोलिक रूप से होता कुछ यूं है कि नीचे वह सारा पानी किसी एक जगह गहराई ढूंढ कर झील या जल स्रोत के रूप में एकत्र होता है। फिर वहां उस स्थान पर भरने की क्षमता पूरी हो जाने के बाद पानी किसी जलधारा के रूप में वहां से आगे बढ़ता है।
जलधारा के रूप में आगे बढ़ने वाला पानी ढाल का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ता जाता है और किसी नदी या सागर में मिलकर अपनी यात्रा पूरी करता है। अब आप यहां यह समझिए कि वह पूरा क्षेत्रफल जिसपर बरसने वाला पानी एकत्र होकर झील में जमा हुआ या फिर एक नदी के रूप में बहकर बाहर निकला वही पूरा इलाका उस झील या नदी का जल जलसंभर क्षेत्र कहलाएगा। प्रायः हर झील, नदी, तालाब, जलधारा जैसे सभी जलस्रोतों का एक जलसंभर क्षेत्र होता है।
एक जलसंभर क्षेत्र कई छोटे-छोटे जलसंभर क्षेत्रों में बंटा हुआ हो सकता है। कोई नदी जिस ऊंचे इलाके में जन्म लेती है वह तो एक जलसंभर हुआ क्योंकि वहां का सारा पानी एकत्र होकर नदी के रूप में इकट्ठा हुआ। इसी तरह आगे, नदी के दोनों तटों पर कई सारे जलसंभर क्षेत्र होंगे जिनका पानी किसी न किसी एकल धारा के जरिए बहकर उस नदी में मिलता है।
जलसंभर प्रबंधन (Watershed Managenet) या जलसंभर विकास (Watershed Development)
किसी जलसंभर क्षेत्र में मूलतः भूमि और जल के उपयोग को समुन्नत और समन्वित करने की प्रक्रिया जलसंभर प्रबंंधन या वाटरशेड मैनेजमेंट कहलाती है। दूसरे शब्दों में, मुख्य रूप से भूमि और जल के बुद्धिमत्तापूर्ण और आर्थिक रूप से धारणीय उपयोग पर बल देते हुए किसी जलसंभर क्षेत्र का विकास करना जलसंभर प्रबंधन कहलाता है।
किसी जलसंभर प्रबंंधन का उद्देश्य होता है उस क्षेत्र के संसाधनों के समन्वित संरक्षण और उपयोग द्वारा पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए क्षेत्र का धारणीय विकास करना। हालांकि, जलसंभर प्रबंधन कार्य का आरंभ बिंदु है क्षेत्र में प्रदूषण मुक्त तरीके से वर्षा जल का संचयन और जल प्रबंधन करना।
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