गंजापन, यानी सिर से पूरी तरह या आंशिक रूप से बालों का गायब हो जाना प्रायः पुरुषों में होने वाली घटना है जिसे मेडिकल साइंस की भाषा में एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (Androgenic Alopecia) कहा जाता है। गंजापन कोई बीमारी नहीं है बल्कि कुछ लोगों में पाया जाने वाला एक सामान्य शारीरिक बदलाव है। गंजापन महिलाओं में भी पाई जाती है लेकिन बहुत छोटे पैमाने पर। उनमें बाल झड़ने की समस्या होती है लेकिन विरले ही कोई महिला पुरुषों की तरह चिकनी खोपड़ी के साथ गंजी होती है। लेकिन सवाल उठता है आदमी गंजा क्यों होता है?
आम तौर पर मनुष्य के सिर पर 1,00,000 से लेकर 1,50,000 तक बाल होते हैं। रोजाना लगभग 50-100 बालों का झड़ना सामान्य बात है और लगभग इतनी ही संख्या में रोज नए बाल उगते भी रहते हैं। इस तरह, एक सामान्य व्यक्ति के सिर पर बालों की एक निश्चित संख्या हमेशा बनी रहती है। लेकिन झड़ने वाले बालों की संख्या अगर नए उगने वाले बालों की संख्या से कम हो रहें तो सिर पर बाल कम होने लगते हैं और धीरे-धीरे आंशिक या पूर्ण गंजेपन की स्थिति बन जाती है। गंजेपन की स्थिति प्रायः 25 साल की आयु के बाद ही देखने को मिलती है।
गंजापन के प्रमुख कारण क्या हैं? आदमी गंजा क्यों होता है?
गंजापन के कारणों पर दुनिया भर में रिसर्च हुए हैं। हालांकि, मनुष्य के गंजापन और उसके कारणों की अभी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। अब तक हुए शोधों से पता चलता है गंजापन का कोई एक कारण नहीं है। अलग-अलग वयक्ति में इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं।
1. आनुवंशिक या जेनेटिक कारण
पुरुषों में गंजेपन का यह सबसे सामान्य कारण है और इसके लिए जिम्मेदार होते हैं आनुवंशिक कारक यानी जीन। इस तरह गंजेपन के लिए जेनेटिक्स एक बड़ी भूमिका निभाता है जिसमें होता यह है कि पुरुषों में पाया जाने वाला टेस्टोस्टेरोन (testosterone) हार्मोन डाइहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (dihydrotestosterone) में बदल जाता है।
2. बढ़ती उम्र
आम तौर पर बढ़ती उम्र के साथ सिर पर बालों की संख्या विरल होने लगती है। ऐसा इसलिए होता है कि बालों की जितनी संख्या रोज झड़ती है उतनी संख्या में नए बाल नहीं निकलते और इसलिए लिए शरीर हार्मोनल बदलाव जिम्मेदार होते हैं। प्रायः 60 साल की उम्र के बाद पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाओं में भी सिर के बाल कम होने लगते हैं।
3. संक्रमण
सिर की त्वचा पर होने वाला संक्रमण भी बालों के गिरने का एक कारण हो सकता है। संक्रमण के कारण होने वाला गंजापन हो सकता है संक्रमण के उपचार के बाद ठीक हो जाए।
4. टायफॉयड जैसी तेज बुखार वाली बीमारी
टायफॉयड जैसी तेज बुखार वाली स्थिति में बालों का झड़ जाना देखा गया है, लेकिन यह अस्थायी तौर पर होता है। स्वस्थ हो जाने के बाद बालों का झड़ना प्रायः रुक जाता है।
5. कुपोषण
शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण नए बालों का उगने की गति धीमी पड़ जाती है, जबकि दूसरी ओर प्रतिदिन होने वाली बालों की झड़न जारी रहती है। इस कारण, बालों की कुल निर्धारित सामान्य संख्या में कमी आने लगती है। प्रोटीन की कमी, विटामिन बी की कमी इसके लिए खास जिम्मेदार होती हैं।
6. दवाओं के साइड इफेक्ट
कुछ खास किस्म की दवाओं के सेवन से भी बाल पतले होने लगते हैं। तनाव रोकने वाली (एंटीडिप्रेसेंट) दवाएं, ब्लड प्रेशर असुंतिल होने की स्थिति में ली जाने वाली दवाएं, रक्त के गाढ़ेपन को कम करने के लिए दी जाने वाली दवाइयां ऐसी ही कुछ दवाएं हैं।
7. कीमोथेरेपी या रेडिएशन उपचार
कैंसर के उपचार के लिए कीमोथेरेपी और रेडिएशन का प्रयोग किया जाता है। इन दोनों कारकों के कारण भी आंशिक या पूर्ण गंजेपन के स्थिति बन जाती है।
8. एलोपेशिया
अज्ञात कारणों से अचानक सिर के बालों का बड़ी संख्या में झड़ जाने से भी आंशिक या पूर्ण गंजापन होता है। इसे एलोपेशिया कहा जाता है।
किसी स्वस्थ आदमी का गंजा हो जाना कोई बीमारी नहीं है और न ही शर्म की बात। अध्ययन बताते हैं गंजा आदमी आम तौर पर अधिक खुशमिजाज और समझदार होते हैं। रिसर्च से यह भी पता चलता है कि गंजे लोगों के सिर की त्वचा के सूरज की सीधी रोशनी के संपर्क में आने के कारण उन्हें विटामिन डी अधिक मिलता है, लेकिन साथ ही उनपर अल्ट्रावायलेट किरणों के दुष्प्रभाव भी पड़ते हैं।
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