विटामिन सी या एस्कॉर्बिक ऐसिड (एल-एस्कॉर्बिक एसिड या एल-एस्कॉर्बेट) हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए विटामिन सी का नियमित सेवन करना बहुत जरूरी है। विटामिन सी शरीर की इम्युनिटी (रोगप्रतिरोधक क्षमता) को मजबूत करने के साथ-साथ घाव भरने में मदद करता है। विटामिन सी एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर में बनने वाले फ्री-रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज करता। साथ ही विटामिन सी शरीर को Non-heme Iron के अवशोषण में मदद करता है।
विटामिन सी की कमी से स्कर्बी, एनीमिया, मसूढ़ों से खून आना, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द (Joint and muscles pain), थकान, घाव भरने में देरी, कमजोर इम्यूनिटी, एलर्जी, कैपिलरी हैमरेज (त्वचा के नीचे ब्लड कैपिलरी के फटने से होने वाला रक्तश्राव) जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
विटामिन सी यानी एस्कॉर्बिक एसिड एक दुर्बल अम्ल (वीक एसिड) है जिसका पीएच वैल्यू लगभग 3 होता है। पानी में घुलनशील होने के कारण यह हमारे शरीर से यूरिन के जरिए बाहर निकलता रहता है जिस कारण शरीर में इसकी मात्रा घटती रहती है। इसी वजह से शरीर में विटामिन सी की नियमित आपूर्ति करते रहना बहुत जरूरी होता है।
बच्चे और बड़े सभी आयु वर्ग के लिए विटामिन सी का भरपूर और नियमित सेवन जरूरी है। विटामिन सी शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर उसे बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है, जिससे हम अनेक प्रकार के रोगों खासकर वायरस-जनित रोगों और सर्दी-जुकाम जैसी स्वास्थ समस्याओं का आसानी से मुकाबला कर सकते हैं।
एक अच्छे एंटी-ऑक्सिडेंट के रूप में विटामिन सी हमारे शरीर में लगातार बनने वाले हानिकारक फ्री-रेडिकल्स को निष्प्रभावी कर शरीर को अधिक उम्र तक तरोताजा और जवान रखता है। यानी विटामिन सी के सेवन से ओल्ड एज की समस्याएं देर से आती हैं और शरीर के बूढ़ा होने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
विटामिन सी के कारण ही हमारा शरीर वेजिटेरियन खानों और पत्तेदार साग-सब्जियों में मौजूद आयरन (non-heme iron) को अवशोषित कर पाता है। नहीं तो, आयरन से भरपूर साग-सब्जियां हम चाहे कितना भी खाएं उससे शरीर को आयरन मिलने वाला नहीं।
विटामिन सी हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी एक तत्व है। इसलिए विटामिन सी से भरपूर चीजों को नियमित रूप में अपने खान-पान का हिस्सा बनाना स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है।
भारतीय खाद्य पदर्थों में आंवला विटामिन सी का सबसे समृद्ध स्रोत है। किसी भी रूप में इसका सेवन हर आयु वर्ग के व्यक्ति को जरूर करना चाहिए। यह जानकर शायद आप अचंभित हों कि मिर्च खासकर हरी मिर्च भी विटामिन सी का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है और इसमें में नींबू से भी ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है। लेकिन, कुदरत ने हरी मिर्च में कुछ ऐसे भी तत्व डाल रखे हैं जिनकी वजह से हरी मिर्च का सेवन थोड़ी मात्रा में ही की जा सकती है। इसलिए हम जरूरी मात्रा में विटामिन सी लेने के लिए मिर्च पर निर्भर नहीं रह सकते।
नींबू, नारंगी, संतरा, मौसम्बी जैसे साइट्रस फलों के छिलकों में भी विटामिन सी भरपूर पाया जाता है। ध्यान दें, नींबू जैसे साइट्रस फलों के रस की तुलना में उनके छिलकों में 10 गुना तक ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है। अमरूद, पपीता, सहजन (मुनगा या मोरिंगा), शिमला मिर्च, गुलाब की पंखुड़ियां, कीवी, स्ट्रॉबेरी, ब्रॉकली, टमाटर, हरे मटर, केले आदि में भी विटामिन सी अच्छी मात्रा में मौजूद है।
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