मोबाइल फोन के लिए बैटरी कौन सी बेहतर लीथियम आयन या लीथियम पॉलीमर?
इन दिनों मोबाइल फोन में दो किस्म की रिचार्जेबल बैटरी इस्तेमाल की जाती है- लीथियम आयन / लीथियम पॉलीमर बैटरी (Li-Ion / Li-Po बैटरी)। नया मोबाइल फोन डिसाइड करते वक्त अक्सर हम कनफ्यूज होते हैं कि इनमें से कौन सी बैट्री वाला फोन लेना चाहिए। तो आइए जानें, लीथियम आयन और लीथियम पॉलीमर बैटरी क्या हैं, इनमें क्या फर्क है और आपको इनमें से किस बैटरी वाला स्मार्टफोन लेना चाहिए।
मोबाइल फोन सहित बैट्री से चलने वाली दूसरी चीजों जैसे लैपटॉप, कैमरा, टैब्लेट, इलेक्ट्रिक बाइक्स, ई-रिक्शा जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों और यहां तक कि रक्षा और एयरोस्पेस के उपकरणों में लीथियम आयन बैट्री का ही प्रयोग किया जाता है। जबकि लीथियम पॉलीमर बैट्री का चलन अभी नया है और इसका इस्तेमाल स्मार्ट फोन के नए मॉडलों और रेडियो-कंट्रोल्ड एयरक्राफ्ट और कारों जैसे कुछ ही गैजेट्स में किए जा रहे हैं।
लीथियम आयन (Lithium Ion) या Li-ion बैट्री और लीथियम पॉलीमर या लीथियम-आयन पॉलीमर (Lithium Polymer or Lithium-Ion Polymer ) दोनों ही प्रकार की बैट्रियां लीथियम धातु की बनी होती हैं और दोनों में ही चार्ज (आवेश) के लिए लीथियम के आयनों का प्रयोग होता है। फर्क सिर्फ इतना है कि लीथियम आयन बैट्री में लिक्विड इलेक्ट्रोलाइट का इस्तेमाल होता है जबकि लीथियन पॉलीमर बैट्री में एक अर्ध-ठोस या सेमी-सॉलिड जेल (Gel) का इस्तेमाल इलेक्ट्रोलाइट के रूप में किया जाता है।
लिक्विड इलेक्ट्रोलाइट की वजह से लीथियम आयन बैट्री की बॉडी रिजिड और सॉलिड रखनी पड़ती है। जबकि, gel की तरह के अर्ध-ठोस पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट के लिए बैट्री की बॉडी एकदम से सॉलिड और कठोर रखने की जरूरत नहीं पड़ती और इसे पाउच की तरह रखा जा सकता है या पतले शीट का रूप दिया जा सकता है। इस कारण लीथियम पॉलीमर बैट्री की बॉडी लचीली होती है और इसे उपकरण के अंदर किसी भी सुविधाजनक शेप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
अब सवाल उठता है स्मार्ट फोन खरीदते हुए हमें किस मॉडल को तरजीह देनी चाहिए- लीथियम आयन बैट्री वाला या लीथियम पॉलीमर बैट्री वाला? इसके लिए आइए देखें फीचर्स के मामले में लीथियम पॉलीमर बैट्री लीथियम आयन बैट्री से कैसे अलग है।
लीथियम-आयन / लीथियम-पॉलीमर बैट्री : फर्क और खूबियां
1. लीथियम पॉलीमर बैट्री के लिए कठोर और चौकोर सॉलिड बॉडी की जरूरत नहीं होती, जिस कारण इसे स्मार्ड कार्ड जैसे पतली शीट के रूप में बनाया जा सकता है और वजन में यह लीथियम आयन बैट्री की तुलना में हल्की होती है। इससे स्मार्ट फोन की बॉडी को अधिक पतला और sleek बनाना संभव होता है।
2. सेफ्टी फीचर्स के मामले में लीथियम पॉलीमर बैट्री लीथियम आयन बैट्री से अधिक सुरक्षित होती है। ओवर चार्ज (100% चार्ज हो जाने के बाद भी बैट्री का चार्जिंग पोर्ट में लगे रहने) से बैट्री नहीं फूलती। अधिक तापमान पर लीथियम आयन बैट्री की तुलना में विस्फोट कर इसके फटने का खतरा नहीं के बराबर होता है।
3. आम तौर पर लीथियम पॉलीमर बैट्री को सामान्य लीथियम आयन बैट्री की तुलना में अधिक बार चार्ज किया जा सकता है। तो इस कारण, लीथियम पॉलीमर बैट्री की लाइफ अधिक होती है।
4. इस्तेमाल नहीं करने पर भी साधारण लीथियम आयन बैट्री अपने आप डिस्चार्ज होती है, जबकि लीथियम पॉलीमर बैट्री में ऐसा नहीं के बराबर होता है। यानी, बैट्री यूं ही रखे-रखे डिस्चार्ज नहीं होती।
5. लीथियम पॉलीमर बैट्री स्मार्ट फोन के अंदर इन-बिल्ट रहती। इसे हम खुद से जब चाहा तब नहीं बदल सकते, बल्कि इसके लिए सर्विस सेंटर जाना पड़ता है। फोन के गिरने पर भी ऐसी बैट्री इन-बिल्ट होने कारण फोन से बाहर नहीं निकलती और सुरक्षित रहती है। चूंकि ऐसी बैट्री की लाइफ लंबी होती है इसलिए इसे जल्द बदलना नहीं पड़ता।
लीथियम पॉलीमर बैट्री की इन्हीं खूबियों के कारण अब ज्यादतर नए स्मार्ट फोनों में इनका इस्तेमाल होने लगा है। कीमत में लीथियम पॉलीमर बैट्री थोड़ी महंगी जरूर होती है लेकिन अपनी खूबियों के कारण नए जमाने के एनर्जी सोर्स (ऊर्जा स्रोत) के रूप में ये बैट्रियां तेजी से अपनी पहचान बना रही हैं।
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